श्रेष्ठ कवि-गीतकार प्रदीपजी को प्रणाम!
देशभक्ती के गीत लिखनेवाले कवि प्रदीपजी! |
"देख तेरे संसारकी हालत
क्या हो गई भगवान...
कितना बदल गया इन्सान!"
जैसे गीत लिखनेवाले और "ए मेरे वतन के लोगो.." जैसे अपने देशभक्ती के गीतों से आँखे नम करनेवाले कवि प्रदीपजी का १०४ वा जनमदिन अब हुआ!
हमारे भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरू जी के सामने "ए मेरे वतन के लोगो." गाते हुए कवि प्रदीपजी! |
'किस्मत' (१९४३) के कवि प्रदीप जी ने लिखे "हिंदोस्तान हमारा है..'' गाने का दृश्य! |
दूर हटो...दूर हटो ऐ दुनियावालों हिंदोस्तान हमारा है..''
यह जब भी कानोमें गुंजता है तो दिल देशाभिमान से भर आता है! फिर 'जागृती' (१९५४) का "हम लाए है तुफान से कश्ती निकाल के.." जैसा देश के प्रति जिम्मेदारी का गीत...ऐसी आदर्शवादी गीतों की परंपरा उन्होने फिल्मो को दी!
'जागृती' (१९५४) के प्रदीपजी ने लिखे "आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदोस्तान की." गीत का दृश्य! |
उनके गीत आज भी समाज प्रबोधन करते है..जैसे की..
"इन्सान का इन्सान से हो भाईचारा..यही पैगाम हमारा..!"
- मनोज कुलकर्णी
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