Thursday 7 February 2019

श्रेष्ठ कवि-गीतकार प्रदीपजी को प्रणाम!

देशभक्ती के गीत लिखनेवाले कवि प्रदीपजी!

"देख तेरे संसारकी हालत
क्या हो गई भगवान...
कितना बदल गया इन्सान!"

जैसे गीत लिखनेवाले और "ए मेरे वतन के लोगो.." जैसे अपने देशभक्ती के गीतों से आँखे नम करनेवाले कवि प्रदीपजी का १०४ वा जनमदिन अब हुआ!

हमारे भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरू जी के सामने "ए मेरे वतन के लोगो." गाते हुए कवि प्रदीपजी!
वास्तविक नाम रामचंद्र नारायण व्दिवेदी..अध्यापन करते अपनी काव्यप्रतिभा आदर्शवादी कर रहे थे! फिर १९४० में उन्होने 'बंधन' फिल्म के लिए "चल चल रे नौजवान.." यह गीत लिखा..और मशहूर हुए 'बॉम्बे टॉल्किज' की फिल्म 'किस्मत' (१९४३) के इस गाने से..

'किस्मत' (१९४३) के कवि प्रदीप जी ने लिखे "हिंदोस्तान हमारा है..'' गाने का दृश्य!
''आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है..
दूर हटो...दूर हटो ऐ दुनियावालों हिंदोस्तान हमारा है..''


यह जब भी कानोमें गुंजता है तो दिल देशाभिमान से भर आता है! फिर 'जागृती' (१९५४) का "हम लाए है तुफान से कश्ती निकाल के.." जैसा देश के प्रति जिम्मेदारी का गीत...ऐसी आदर्शवादी गीतों की परंपरा उन्होने फिल्मो को दी!

'जागृती' (१९५४) के प्रदीपजी ने लिखे "आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदोस्तान की." गीत का दृश्य!
१९६१ में 'संगीत नाटक अकादमी' का सम्मान और १९९७ में 'दादासाहब फालके पुरस्कार' से उन्हे सम्मानित किया गया! उनके नाम से 'कवि प्रदीप सम्मान' भी रखा गया!

उनके गीत आज भी समाज प्रबोधन करते है..जैसे की..
"इन्सान का इन्सान से हो भाईचारा..यही पैगाम हमारा..!"


- मनोज कुलकर्णी

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