Wednesday 28 September 2022

"लागी नाहीं छुटे.."

अपने भारतीय सिनेमा के अदाकारी के शहंशाह युसूफ ख़ान याने दिलीप कुमार जी ने खुद अपनी सुरों की मलिका लता मंगेशकर जी के साथ गाया हुआ यह नग़्मा आज मेरे मन में गूँजा..
यह अब वे दोनों ऊपर जन्नत में गातें साथ होंगे ऐसा मुझे लगता हैं!


आज लता मंगेशकर जी का ९३ वा जनमदिन हैं और चंद महिनों बाद दिलीप कुमार जी की जन्मशताब्दी होगी!

दिलीप कुमार जी अभिनीत फिल्मों के लिए लताजी ने गाएं ऐसे कई गीत मन में गूँज रहें हैं..
"जिसे तू क़ुबूल कर ले वो अदा कहाँ से लाऊँ.."
"जब प्यार किया तो डरना क्या.."

इसमें हमारे अज़ीज़ और अज़ीम फ़नकार.. मोहम्मद रफ़ी जी के साथ लताजी ने गाएं ऐसे रूमानी डुएट्स हैं..
"दो सितारों का ज़मीन पर है मिलन.."
"इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल.."


मेरा इन दोनों को मिलना यादगार रहां हैं!
उनको सुमनांजलि!!


- मनोज कुलकर्णी

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