मशहूर पार्श्वगायक केके (कृष्ण कुमार कुन्नथ). |
"छोटी सी हैं ज़िंदगी.."
स्टेज परफॉरमेंस में यह सूना रहा था वह और.. ज़िंदगी ने उसका दामन छोड़ा!
फ़िल्म संगीत के क्षेत्र का एक उम्दा व्यक्तित्व केके (कृष्ण कुमार कुन्नथ)..यूँ अचानक "तड़प तड़प के इस दिल से आह निकलती रही." के हालत में जहाँ छोड़ गया!
"आँखों में तेरी..", "दिल इबादत.." जैसे रूमानी हो या "पल याद आएंगे.." जैसे जज़्बाती..केके की आवाज़ में वे गानें दिल को छू जातें थें। हिंदी सिनेमा के लिए पांच सौ से अधिक और प्रादेशिक भाषाओँ के लिए दो सौ से अधिक ऐसे गानें इस मशहूर पार्श्वगायक ने गाएं।
उन्होंने सम्मान भी प्राप्त किए, जिसमें बड़ा था प्यार चाहनेवालों का, जिनके लिए वे गाकर गए..
"हम रहे या न रहे कल..याद आएँगे.."
अपने गानों के ज़रिये केके यादों में रहेंगे ही!!
- मनोज कुलकर्णी
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