"मिलो न तुम तो
हम घबराये..
मिलो तो आँख चुराएं..
हमें क्या हो गया है.."
जैसा आशिक़ी का नाजुक अंदाज़ हो या,
"ये दुनिया, ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं.."
ऐसा दिल-ए-बेकरार का दर्द बयां करना!
अपने भारतीय सिनेमा के रुपहले परदे पर १९७० में साकार हुआ वह प्रेमकाव्य था..'हीर राँझा'!
उससे जुड़ी ये मशहूर हस्तियाँ..फ़िल्मकार चेतन आनंद जी, उनकी चहेती अभिनेत्री प्रिया राजवंश जी, गायिका लता मंगेशकर जी, संगीतकार मदन मोहन जी और इसके काव्यमय संवाद भी लिखनेवाले शायर कैफ़ी आज़मी जी!
(राज कुमार जी इसके नायक थे और मोहम्मद रफ़ी जी की दर्दभरी आवाज़ इसमें थी!)
५० साल पुरानी यह दुर्लभ तस्वीर आज मदन मोहन जी के जनमदिन पर!
सुमनांजलि!!
- मनोज कुलकर्णी
मेरे इस ब्लॉग पर हमारे भारतीय तथा पूरे विश्व सिनेमा की गतिविधियों पर मैं हिंदी में लिख रहा हूँ! इसमें फ़िल्मी हस्तियों पर मेरे लेख तथा नई फिल्मों की समीक्षाएं भी शामिल है! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
Saturday 25 June 2022
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