Tuesday 14 June 2022

आसिफ़-ए-हिन्दोस्ताँ!


'मुग़ल-ए-आज़म' जैसे मोहब्बत के अफ़साने पूरी शान-ओ-शौकत से अपने भारतीय सिनेमा के रूपहले परदेपर यादगार साकार करनेवाले थे अज़ीम फ़िल्मकार के. आसिफ जी!

आज उन्हें १०० वे यौम-ए-पैदाइश पर सलाम!

- मनोज कुलकर्णी



सलीम-अनारकली की दास्तान-ए-मोहब्बत
उसी शान-ओ-शौकत में थी परदेपर आई..  
बाअदब से पुकारा गया 'मुग़ल-ए-आज़म'
शिद्दत से बनानेवाले वे आसिफ़ थे वाक़ई!


- मनोज 'मानस रूमानी'

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