'बुकर' सम्मानित गीतांजलि श्री बधाई!
अंतरराष्ट्रीय 'बुकर' पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय तथा हिंदी लेखिका रही गीतांजलि श्री!
उनके हिंदी उपन्यास 'रेत समाधि' के लिए उन्हे यह सम्मान मिला है। अपने मुल्क के भारत और पाकिस्तान विभाजन की पृष्ठभूमि पर बुजुर्ग महिला का आत्मकथन इसमें हैं! 'टॉम्ब ऑफ सेंड' यह इसका अंग्रेजी अनुवाद डेजी रॉकवेल जी ने किया था।
'हमारा शहर उस बरस', 'खाली जगह' जैसे उपन्यास और 'प्रतिनिधि कहानियाँ' जैसी गीतांजलिजी की यथार्थ रचनाएं हैं!
उनका हार्दिक अभिनंदन!!
- मनोज कुलकर्णी
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