Monday 2 May 2022

काश इन दो महान हस्तियों की फ़िल्म होती!

अपने विश्वविख्यात फ़िल्मकार सत्यजीत रे और अभिनय सम्राट युसूफ ख़ान याने दिलीप कुमार की यह दुर्लभ तस्वीर! इसमें चाय लेते हुए उनके बीच अपने भारतीय सिनेमा पर मार्मिक चर्चा हो रही होंगी!

रे साहब ने लगातार बंगाली फ़िल्में ही बनाई। इसमें दो अपवादात्मक विशेष रहीं..उर्दू मूवी 'शतरज के खिलाड़ी' (१९७७) और हिंदी टेली - फिल्म 'सद्गति' (१९८१) दोनों जानेमाने उपन्यासकार प्रेमचंदजी की कथाओं पर ही थी। इन फ़िल्मों के ज़रिये हिंदी सिनेमा के सईद जाफ़री, संजीव कुमार, ओम पुरी, शबाना आज़मी और स्मिता पाटील जैसे मंजे हुएं कलाकारों को उनके साथ काम करने का मौका मिला। 

तो वहीदा रहमान ('अभिजान'/१९६२ में) और जया भादुड़ी-बच्चन ('महानगर'/१९६३ में) ने रे जी की बंगाली फ़िल्मों में भी काम किया।

इसमें शायद दिलीप कुमार जी हिंदी ही नहीं, बल्कि उनकी बंगाली फ़िल्म में भी काम कर सकते! उन्हें बंगाली भाषा अच्छी तरह अवगत थी और उन्होंने तपन सिन्हा की 'सगीना महतो' (१९७०) इस बंगाली फ़िल्म में भी काम किया था, जो हिंदी में 'सगीना' नाम से आई। ऐसी कोई सोशल फ़िल्म रे जी बनातें तो उसमे अपने युसूफ साहब कमाल दिखाते थे!

अब ये दोनों इस जहाँ में नहीं। आज रे जी के १०१ वे जनमदिन पर यह याद आया!
इनको आदरांजलि!!

- मनोज कुलकर्णी

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