"मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर,
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया!"
ऐसा जिनका अंदाज़ था वे हमारे अज़ीज़ शायर.. मजरूह सुल्तानपुरी जी का आज २२ वा स्मृतिदिन!
वे पहले गीतकार थे जिन्हे अपने सिनेमा का सर्वोच्च 'दादासाहेब फाल्के पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। १९९३ में अपने भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा जी ने उन्हें यह प्रदान किया था!
इन दोनों को प्रणाम!!
- मनोज कुलकर्णी
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