नहीं रहीं गीतकार माया गोविंद जी!
वयोवृद्ध गीतकार एवं रंगभूमी कलाकार माया गोविंद जी ने हाल ही में इस दुनिया को अलविदा कह दिया!
लखनऊ में जन्मी माया जी का शुरू से अभिनय तथा रंगभूमी की तरफ रुझान था। वहां 'संगीत - नाटक अकादमी' के पुरस्कार भी उन्होंने जीतें। बहरहाल, बचपन से कविता लिखने का शौक उन्हें कवी संमेलन और बाद में एक गीतकार की हैसियत से सिनेमा क्षेत्र में लाया।
हेमा मालिनी जी का बैले ‘मीरा’! |
अपने कैरियर में उन्होंने लगभग ३५० फ़िल्मों के गानें लिखें। इसमें एक तरफ ख़य्याम जी के - संगीत में 'रज़िया सुलतान' (१९८३) का "शुभ घडी आयी रे.." यह दरबारी था; तो दूसरी तरफ बप्पी लाहिड़ी के संगीत में 'दलाल' (१९९३) का "गुंटूर गुंटूर.." यह पब्लिक डिमांड!
उन्होंने टेलीविज़न के लिए भी लिखा..इसमें 'महाभारत' जैसी धारावाहिक थी।और हेमा मालिनी का डांस बैले ‘मीरा’ भी!
उन्हें सुमनांजलि!!
- मनोज कुलकर्णी
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