Sunday 10 April 2022

नहीं रहीं गीतकार माया गोविंद जी!


वयोवृद्ध गीतकार एवं रंगभूमी कलाकार माया गोविंद जी ने हाल ही में इस दुनिया को अलविदा कह दिया!

लखनऊ में जन्मी माया जी का शुरू से अभिनय तथा रंगभूमी की तरफ रुझान था। वहां 'संगीत - नाटक अकादमी' के पुरस्कार भी उन्होंने जीतें। बहरहाल, बचपन से कविता लिखने का शौक उन्हें कवी संमेलन और बाद में एक गीतकार की हैसियत से सिनेमा क्षेत्र में लाया।

हेमा मालिनी जी का बैले ‘मीरा’!
इसमें जानेमाने फ़िल्मकार गुरुदत्त जी के छोटे भाई आत्माराम जी ने सर्वप्रथम माया गोविंद जी से अपनी निर्देशित 'आरोप' (१९८३) के लिए गीत लिखवाएं, जिन्हे संगीतबद्ध किया था भूपेन हजारिका जी ने! "नैनों में - दर्पन है दर्पन में कोई.." यह किशोर कुमार और लता - मंगेशकर जी ने गाया और विनोद खन्ना-सायरा बानू पर फ़िल्माया उसका गाना मशहूर हुआ। इसके कई साल बाद एम्. एफ़. हुसैन की माधुरी दीक्षित अभिनीत फिल्म 'गजगामिनी' (२०००) का शीर्षक गीत भी उन्होंने लिखा हुआ भूपेनदा ने ही संगीतबद्ध करके गाया था।

अपने कैरियर में उन्होंने लगभग ३५० फ़िल्मों के गानें लिखें। इसमें एक तरफ ख़य्याम जी के - संगीत में 'रज़िया सुलतान' (१९८३) का "शुभ घडी आयी रे.." यह दरबारी था; तो दूसरी तरफ बप्पी लाहिड़ी के संगीत में 'दलाल' (१९९३) का "गुंटूर गुंटूर.." यह पब्लिक डिमांड!

उन्होंने टेलीविज़न के लिए भी लिखा..इसमें 'महाभारत' जैसी धारावाहिक थी।और हेमा मालिनी का डांस बैले ‘मीरा’ भी!


उन्हें सुमनांजलि!!

- मनोज कुलकर्णी

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