"सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा..
हम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलसिताँ हमारा!"
यह लिखनेवाले दोनों मुल्कों में मक़बूल अज़ीम शायर अल्लामा इक़बाल जी का आज जनमदिन!
उन्होंने मुख़्तलिफ़ जज़्बातों पर भी शायरी लिखी जैसे की..
"सितारों से आगे जहाँ और भी हैं..
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं.."
और मशहूर..
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है..
बड़ी मुश्किलसे होता है चमनमें दीदावर पैदा
उन्हें सुमनांजलि!!
- मनोज कुलकर्णी
मेरे इस ब्लॉग पर हमारे भारतीय तथा पूरे विश्व सिनेमा की गतिविधियों पर मैं हिंदी में लिख रहा हूँ! इसमें फ़िल्मी हस्तियों पर मेरे लेख तथा नई फिल्मों की समीक्षाएं भी शामिल है! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
Tuesday 9 November 2021
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