Tuesday, 30 November 2021


हालातों के मद्देनज़र मरहूम, मशहूर शायर फैज़ अहमद फैज़ साहब की शायरी हुई याद...

निसार मैं तेरी गलियों के ऐ वतन, कि जहाँ
चली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले..
जो कोई चाहनेवाला तवाफ़ को निकले..
नज़र चुराके चले, जिस्म-ओ-जाँ बचाके चले

- फैज़ अहमद फैज़

Sunday, 28 November 2021

गोवा कलाकारों का सिनेमा में योगदान में दिग्गज मीनाक्षी शिरोडकर जी का नाम इस 'इफ्फी' समापन समारोह में नहीं सुना! उनका परिवार गोवन मूल का था!

दिल्ली 'इफ्फी', ठण्ड और चाय!


दिल्ली के 'सीरी फोर्ट' में 'इफ्फी' फिल्म्स स्क्रीनिंग के दौरान चाय का लुत्फ़ उठाते!

अब पच्चीस साल पुराना अतीत हुआ यह!

- मनोज कुलकर्णी

बम्बई के फिल्मवालों के साथ 'इफ्फी'!



बम्बई के 'इफ्फी' समारोह दौरान अभिनेत्री आशा पारेख जी के साथ कुछ बातें!

अब पच्चीस साल पुराना अतीत हुआ यह!

- मनोज कुलकर्णी

आशा हैं केसरियाँ आँचल से बाहर आकर 'इफ्फी' खुली हवा में सांस लेंगा!

Saturday, 27 November 2021

डॉ. बच्चन की सर्वोत्तम रचना!



ख्यातनाम हिंदी कवि डॉ. हरिवंश राय बच्चन जी को एक सम्मेलन में पूछा गया..
"आप की सर्वोत्तम रचना किसे कहेंगे?"

तब सब को लगा डॉ. बच्चन 'मधुशाला' कहेंगे; लेकिन उन्होंने कहाँ..
"अमिताभ मेरी सर्वोत्तम रचना हैं!"

आज उनके जनमदिन पर यह याद आया!

उन्हें अभिवादन!!

- मनोज कुलकर्णी

Wednesday, 24 November 2021

रूमानी 'खुशबू' की खूबसूरत शायरा..परवीन शाकिर! 


"हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ..
दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं"

ऐसा रूमानी लिखनेवाली वहां पाकिस्तान की मुमताज़ शायरा थी परवीन शाकिर.. जिनका का आज जनमदिन!

"वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा
मसअला फूल का है..फूल किधर जाएगा"
ऐसा मोहब्बत के जज़्बे को उन्होंने कोमलता से अपनी स्त्रीवाची शायरी में बयां किया था।

रिवायतों से आज़ाद, आधुनिक संवेदना बयां करनेवाली उनकी 'सदबर्ग', 'ख़ुद-कलामी', 'आँखों में सपना', 'माह-ए-तमाम' और 'ख़ुशबू' ऐसी किताबें मशहूर हुई।

"समंदरों के उधर से कोई सदा आई
दिलों के बंद दरीचे खुले, हवा आई"
ऐसी यहाँ हुए मुशायरे में उनकी शिरकत देखकर उनकी मक़बूलियत सरहद के दोनों तरफ थी इसका अहसास हुआ!

अपनी मुख़्तसर ज़िंदगी में उन्होंने रूमानी शायरी को चार चाँद लगा दिएँ!

उनकी याद में उन्ही का शेर..
"किस मक़्तल से गुज़रा होगा
इतना सहमा सहमा चाँद!"

उन्हें मेरी सुमनांजलि!!

- मनोज कुलकर्णी

Monday, 22 November 2021


 

सालों पहले मौसीकार ओ. पी. नय्यर जी ने हमसे खिली हुई महफ़िल में कहाँ.."हमें सिर्फ़ दिलचस्पी हैं रवाब, शराब, कबाब और शबाब में!"


- मनोज कुलकर्णी

Saturday, 20 November 2021

"उतरे थे कभी 'फ़ैज़' वो आईना-ए-दिल में
आलम है वही आज भी हैरानी-ए-दिल का"

लिखनेवाले दोनों मुल्कों में मक़बूल अज़ीम शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ जी का आज ३७ वा स्मृतिदिन!

वह शेर फ़ैज़ साहब और उनकी शायरी बख़ूबी पढ़नेवाले (हाल ही में इस जहाँ से रुख़सत) अपने लाजवाब अदाकार यूसुफ़ ख़ान..दिलीपकुमार जी के लिए याद आया!

उन्हें सुमनांजलि!!

- मनोज कुलकर्णी

कहीं ऐसा न हो की 'इफ्फी' का उद्घाटन भी पंगा क्वीन करे!

Friday, 19 November 2021

पलटकर केसरिया हुक्मरान कैसे माने
आगामी चुनावी नतीजों की आहट से!

- मनोज 'मानस रूमानी'


(कृषि कानून वापसी पर!)

अब इस पर सीधी 'मेन्टल है क्या' फ़िल्म निकले!

पंद्रह साल पुरे किये 'वो लम्हे' यह इसकी शुरुआती फिल्म का यह दृश्य!

यह अब हक़ीक़त में न बन जाये!

अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे!

कभी पागलपन, कभी ग़ैरजिम्मेदाराना
खेल समझा है अभिव्यक्ति से बोलना!

कोई अज्ञान से बेहूदा बातें करतें
कोई किताबें पढ़कर भी हैं करतें!

Tuesday, 16 November 2021

केसरियाँवालें आने के बाद से..
धर्म-जातिवाद को बढ़ावा मिला हैं!

Sunday, 14 November 2021


"मेरी आवाज़ सुनो..प्यार का राज़ सुनो..
मैंने एक फूल जो सीने पे सजा रखा था..
उसके परदे मैं तुम्हे दिल से लगा रखा था
था जुदा सबसे मेरे इश्क़ का अंदाज़ सुनो.!"

हमारे आज़ाद धर्मनिरपेक्ष भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को उनके १३२ वे जनमदिन पर सलाम!

- मनोज कुलकर्णी

Thursday, 11 November 2021

"शबाब आप का नशे में खुद ही चूर चूर है..
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है"


ऐसा जिनसे मुख़ातिब होकर शायर ने कभी लिखा वह थी..
अपने रूमानी भारतीय सिनेमा की ख़ूबसूरत अदाकारा माला सिन्हा जी!


 

उनको ८५ वी सालगिरह की मुबारक़बाद!!

- मनोज कुलकर्णी

Tuesday, 9 November 2021

"सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा..
हम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलसिताँ हमारा!"


यह लिखनेवाले दोनों मुल्कों में मक़बूल अज़ीम शायर अल्लामा इक़बाल जी का आज जनमदिन!

उन्होंने मुख़्तलिफ़ जज़्बातों पर भी शायरी लिखी जैसे की..
"सितारों से आगे जहाँ और भी हैं..
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं.."

और मशहूर..
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है..
बड़ी मुश्किलसे होता है चमनमें दीदावर पैदा


उन्हें सुमनांजलि!!

- मनोज कुलकर्णी

Thursday, 4 November 2021

शुभ दीपावली!🪔

मायूस ज़िंदगी से दूर हो अंधियारा
दीप दिवाली के लाए रोशन सवेरा!

- मनोज 'मानस रूमानी'

 
शबाब आपका यूँ बरक़रार रहे
अदाकारी के जलवें दिखाती रहे
जवाँ आशिक़ भी होश खो बैठे
महफ़िल आपकी यूँ शादाब रहे

- मनोज 'मानस रूमानी'

(अपनी ख़ूबसूरत अदाकारा तब्बू की आज ५ वी सालगिरह! इस मौके पर मीरा नायर के 'अ सुटेबल बॉय' में से ईशान खट्टर के साथ उसके इस सीनपर मैंने यह लिखा हुआ।)

 - मनोज कुलकर्णी

 

Monday, 1 November 2021

'हम दिल दे चुके सनम' (१९९९) फ़िल्म में सलमान ख़ान और ऐश्वर्या राय!
 
इश्क़ शायद ही इतना परवान चढ़ा होगा..
इसलिए चाँद भी मजबूरन मुख़ातिब हुआ

- मनोज 'मानस रूमानी'

 
आज भारतीय सिनेमा की एक ख़ूबसूरत अदाकारा ऐश्वर्या राय-बच्चन की वी सालगिरह!
 
'देवदास' (२००२) फ़िल्म में शाहरुख़ ख़ान और ऐश्वर्या राय!

 
 
इस मौके पर मुझे अपने बॉलीवुड के इन दो सुपरस्टार्स (सलमान-शाहरुख़) खानों के साथ उसके ये रूमानी लम्हें याद आएं..और मैंने ऊपर का शेर लिखा!
 
 
शुभकामनाए!
 
 
- मनोज कुलकर्णी