Thursday, 25 June 2020

दिग्गज संगीतकार  मदन मोहन जी!

"नग़्मा-ओ-शेर की सौग़ात किसे पेश करू.."

शायर..साहिर लुधियानवी जी!
ऐसा सवाल साहिर जी हो या कोई और शायर..किसी के मन में तब कभी आया नहीं होगा..
क्योंकि 'ग़ज़ल' के दर्दी मौसिक़ार उनके सामने थे..मदन मोहन जी!

'ग़ज़ल' (१९६४) फ़िल्म में शायरी पेश करती मीना कुमारी!



आज मदन जी के जनमदिन पर उसी 'ग़ज़ल' के अशआऱ हम जैसों के मन में आतें हैं..

"ये छलकते हुए जज़बात किसे पेश करू.."

- मनोज कुलकर्णी

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