'प्रेमपुजारी' सदाबहार..देव आनंद!
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सदाबहार अभिनेता-फ़िल्मकार देव आनंद! |
आज सदाबहार अभिनेता-फ़िल्मकार देव आनंदजी का ९५ वा जनमदिन!
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'काला बाजार' (१९६०) के "खोया खोया चाँद.." गाने में देव आनंद!
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हमेशा
जवाँ रूमानी रहा यह 'प्रेमपुजारी' आराम से.. लाईफ सेंचुरी मार लेगा ऐसा लगा
था..ख़ैर अब "खोया खोया चाँद.." गाकर आसमाँ में चाँदनियों के साथ घूमता
होगा!
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'प्रेमपुजारी' (१९७०) में वहिदा रहमान और देव आनंद! |
आज मुझे याद आ रहा है १९९५ में अपने फिल्म करिअर के ५० साल
पुरे होने के अवसर पर देवसाहब ने पुणे में मनाया बड़ा जश्न! इसमें
उन्होंने यहाँ वह 'प्रभात स्टूडियो' में काम करते वक्त की पुरानी यादों को
ताज़ा किया..और नई फिल्म का प्रीमियर भी यहीं किया। दो दिन के उनकी इस सफर
में हम मीडिया के लोग भी साथ में थे..आखिर
में उन्होंने अपनी सालगिरह की जंगी पार्टी दी, जो इतनी झूम के चली की..वह
जाने लगे तो हमारे बम्बई के फिल्म पत्रकार दोस्त नें उन्हीके गानें में
कहाँ "अभी ना जाओ छोड़कर.."
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'हम दोनों' (१९६१) के "अभी ना जाओ छोड़के.." गाने में देव आनंद और साधना!
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मुझे यह भी याद है की गोवा में 'इफ्फी' (हमारा आंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह)
शुरू हुआ तो देव आनंदजी वहां तशरीफ़ लाए थे! उनसे प्रेस कॉन्फरन्स में ख़ूब
बातें हुई...तब मैंने उनसे पूछा "देवसाहब, क्या आपको लगता है 'मैं ज़िन्दगी
का साथ निभाता चला गया..' यह गाना साहिरसाहब ने आप ही के लिए लिखा
हो?"..उसपर वह झट से अपने अंदाज़ में बोले "बिलकुल मेरे लिए ही था!.. दैटस द
वे आय लिव!"..उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने न्यूज़ में वह कैचलाईन बनाई!!
ऐसे जवाँदिल कलाकार को यह सुमनांजली!!
- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी']
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