शोख़ अदाकारा तनुजा...७५!
![]() |
'बहारे फिर भी आएंगी' (१९६६) के "आप के हसीन रुख़ पे.." गाने में तनुजा और धर्मेद्र! |
आज नया नूर है...
मेरा दिल मचल गया
तो मेरा क्या कसूर है!"
'बहारे फिर भी आएंगी' (१९६६) इस फ़िल्म में धर्मेद्र पियानो पर गाता है और सामने होती है माला सिन्हा और तनुजा..दोनों को लगता है अपने ही लिए!
![]() |
नूतन और तनुजा..माँ शोभना समर्थजी के साथ! |
रफ़ी साहब ने गाया हुआ मेरा यह पसंदीदा गाना..जिसका ज़िक्र मैंने तनुजाजी से 'पिफ्फ' में वह सम्मानित होने के बाद हुई बातचीत में किया..और कहाँ था 'उनका क्लोज-अप और एक्सप्रेशन्स कमाल के थे इसमें!'..सुनकर इस उम्र (७५ की पड़ाव) में भी वह वैसी ही शरमाई! आज उनके जनमदिन पर यह ख़ूबसूरत वाकया याद आया!
![]() |
'हमारी याद आएगी' (१९६१) के गाने में तनुजा! |
![]() |
'जीने की राह' (१९६९) में जीतेन्द्र के साथ तनुजा! |
इसके बाद अभिनेत्री की तौर पर तनुजा की सही पहचान हुई 'हमारी याद आएगी' (१९६१) फ़िल्म से..जिसका निर्देशन किया था किदार शर्माजी ने! इसके बाद जीतेन्द्र के साथ की हुई फ़िल्म 'जीने की राह' (१९६९) में उसका अभिनय सराहनीय रहा..प्यार से ठीक होनेवाली अपाहीच लड़की का वह दिलदार किरदार था! इसके "आने से उसके आए बहार.." गानें में वह दिल को छू गयी!
![]() |
बंगाली 'तीन भुवनेर पारे' (१९६९) में तनुजा और सौमित्र चैटर्जी! |
![]() |
'हाथी मेरे साथी' (१९७१) में तनुजा और सूपरस्टार राजेश खन्ना! |
![]() |
'अनुभव' (१९७१) में संजीव कुमार के साथ तनुजा! |
पहले सूपरस्टार राजेश खन्ना के साथ तनुजा की 'हाथी मेरे साथी' (१९७१) और 'मेरे जीवन साथी' (१९७२) यह फिल्में हिट रही। मुझे अब भी याद है स्कूल के दिनों में उनका रहा क्रेज़! फिर जॉय मुखर्जी और देब मुखर्जी के साथ 'एक बार मुस्कुरा दो' (१९७२) जैसी उसकी म्यूजिकल रोमैंटिक फ़िल्में आती रही।
बासु भट्टाचार्य की फिल्म 'अनुभव' (१९७१) में संजीव कुमार के साथ तनुजा ने स्त्री व्यक्तित्व के गहरे पैलु को दर्शाया! फिर मदन सिन्हा की फिल्म 'इम्तिहान' (१९७४) में भी विनोद खन्ना के साथ उसका किरदार गंभीर प्रकृति का था! बाद में जल्द ही वह फिल्म परिवार के शोमू मुखर्जी के साथ शादी करके परदे से दूर हुई!
१९८० के दरमियान तनुजा सिनेमा में वापस आयी..और मूल मराठी परिवार से होने के कारन उसने 'झाकोळ' इस मराठी फिल्म में डॉ. श्रीराम लागू के साथ सहजता से अपनी भूमिका निभायी!..राज कपूर की फिल्म 'प्रेम रोग' (१९८२) से उसने चरित्र भूमिकांए करना शुरू किया। कई सालों के बाद नीतिश भारद्वाज निर्देशित मराठी फिल्म 'पितृऋण' (२०१३) में उसने सशक्त स्त्री भूमिका साकार की..जो कई मायने में चर्चित रही! उनको फ़िल्मफ़ेअर', 'स्क्रीन' ऐसे कई सम्मान मिले!
![]() |
बेटी अभिनेत्री काजोल के साथ बुजुर्ग तनुजाजी! |
तनुजाजी, जनमदिन की शुभकामनाएं!!
- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]
No comments:
Post a Comment