Wednesday 27 June 2018

'मंज़िल' (१९७९) में उस गाने के दृश्य में मौशमी चटर्जी और अमिताभ बच्चन!
"रिमझिम गिरे सावन..
सुलग सुलग जाये मन.."

बरसात के दिनों में जब भी बम्बई में होता हूँ, तो सिर्फ पंचमदा के इस मेरे पसंदीदा गाने का लुत्फ़ उठाने के लिए..यह जहाँ फ़िल्माया गया उस कोलाबा..नरिमन पॉइंट की चक्कर काट ही लेता हूँ..फिर मन में यह गाना होता है और कुछ रूमानी यादें!
मशहूर संगीतकार राहुल देव बर्मन!

'मंज़िल' (१९७९) इस बासु चटर्जी की फ़िल्म के लिए योगेशजी ने यह गाना लिखा था..और किशोर कुमार तथा लता मंगेशकरजी ने यह उसी अंदाज़ में गाया था! परदेपर धुँवाधार बारीश में यह अमिताभ बच्चन और मौशमी चटर्जी ने रूमानी जोश से पेश किया था!

आज संगीत के इस अवलिया पंचमदा (आर. डी. बर्मन) के जनमदिन पर यही गाना मन में गुँजा..क्योंकि बारीश भी है और दिल रूमानी भी है!

उन्हें यह सुमनांजली!!

- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी, पुणे]

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