मेरे इस ब्लॉग पर हमारे भारतीय तथा पूरे विश्व सिनेमा की गतिविधियों पर मैं हिंदी में लिख रहा हूँ! इसमें फ़िल्मी हस्तियों पर मेरे लेख तथा नई फिल्मों की समीक्षाएं भी शामिल है! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
Sunday, 25 February 2018
सोनाक्षी और 'लाइफटाईम अचिव्हमेंट'!!
- मनोज कुलकर्णी
![]() |
शत्रुघ्न सिन्हाजी को 'फिल्मफेअर' अवार्ड देती बेटी (फिल्मस्टार) सोनाक्षी सिन्हा! |
![]() |
फिल्मस्टार सोनाक्षी सिन्हा (छोटी और षोडश) पिता शत्रुघ्न सिन्हाजी के साथ! |
संजोग से २०१७ में 'फिल्मफेअर' का 'लाइफटाईम अचिव्हमेंट अवार्ड' शत्रुघ्न सिन्हाजी को देने के लिये..मशहूर हुई उनकी फिल्मस्टार बेटी सोनाक्षी मंच पर आयी थी...तब शायद उन्हे भी पुराना लमहां याद आया होगा ऐसा लगा! वाकई में यह सुनहरा पल था!..देखकर मेरी आँखे फिर से नम हो गयी थी!!
अभिनंदन..शत्रुघ्न सिन्हाजी!..और सोनाक्षीजी को शुभकामनाए!!
- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]
Thursday, 22 February 2018
"ये आँखें उफ़ युम्मा.."
![]() |
'जब प्यार किसीसे होता है' (१९६१) के "ये आँखें." गाने में देव आनंद और आशा पारेख! |
![]() |
'चिराग़' के "तेरी आँखों.." गाने में सुनिल दत्त और आशा पारेख! |
देव आनंद ने इससे पहले फ़िल्म 'सी. आय. डी.' (१९५६) में भी शकीला के साथ "आँखों ही आँखों में इशारा हो गया.." गाना ऐसे ही रूमानी तरीके से साकार किया था जो काफी मशहूर हुआ। तथा 'चिराग़' (१९६९) फ़िल्म में "तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है.." यह मजरुह सुलतानपुरी का गाना मोहम्मद रफी ने बख़ूबी गाया था और सुनील दत्त ने उसी उत्कटता से आशा पारेख के साथ साकार किया था।
![]() |
'तराना' (१९५१) के "नैन मिले.." गाने में मधुबाला और दिलीप कुमार! |
रोमैंटिक म्यूजिकल्स के शुरुआत के दिनों में 'आर.के.' की 'बरसात' (१९४९) में नर्गिस का "मेरी आँखों में बस गया कोई रे.." गाकर प्यार जताना भावोत्कट था। ट्रैजडी किंग दिलीप कुमार भी पियानो पर नौशाद की धुन पर "मिलतें ही आँखे दिल हुआ दीवाना किसी का.." ऐसा इज़हार भी करते रहे और (वाकई में उनकी मेहबूबा रही) मलिका-ए-हुस्न मधुबाला के साथ तो 'तराना' (१९५१) में "नैन मिले नैन हुए बावरे.." गातें हुए दोनों का प्यार खूब रंग लाता गया!
![]() |
'प्यासा' (१९५७) के "हम आप की आँखों.." में माला सिन्हा और गुरुदत्त. |
गुरुदत्त ने अपनी सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म 'प्यासा' (१९५७) में मोहम्मद रफी की रूमानी आवाज में "हम आप की आँखों में इस दिल को बसा ले तो.." गाकर हसीन माला सिन्हा से मोहब्बत का इज़हार किया! फिर क्लासिक 'वोह कौन थी' (१९६४) में साधना के लिए लता मंगेशकर ने गाया हुआ "नैना बरसे.." उनके खुद के पसंदीदा गानों में से एक रहा!
![]() |
'प्यार ही प्यार' (१९६९) के शिर्षक गीत में धर्मेंद्र और वैजयंतीमाला! |
ही मैन धर्मेंद्र ने भी 'प्यार ही प्यार' (१९६९) के शिर्षक गीत में "देखा हैं तेरी आँखों में.." गाकर वैजयंतीमाला से प्यार जताया था और उसने भी आँखों से वह बख़ूबी बयां किया था। बाद में बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार राजेश खन्ना ने १९७० में ही एक तरफ "ग़ुलाबी आँखे जो तेरी देखीं.." ऐसा नंदा के लिए गाकर 'दी ट्रैन' में रोमैंटिक इमेज बरक़रार रखी; तो दूसरी तरफ 'सफ़र' में ख़ूबसूरत शर्मिला टैगोर की तस्वीर बनातें हुए "जीवन से भरी तेरी आँखे मजबूर करे जीने के लिए.." ऐसा भावूक होकर गाकर दिल को छुआ था!
![]() |
'दी ट्रैन' (१९७०) के "ग़ुलाबी आँखे." में पहला सुपरस्टार राजेश खन्ना और नंदा! |
१९७८ में 'राजश्री प्रोडक्शन' की अच्छी फ़िल्म आयी थी 'अखियों के झरोखों से'..युवा प्रेम कहानी को रूंह से जोडती इसकी भावुक कहानी में सचिन के साथ रंजीता का (इसके शिर्षक गीत से बयां होता) बेहतरीन अभिनय आँखे नम कर गया!
![]() |
'अखियों के झरोखों से' (१९७८) के शिर्षक गीत में सचिन और रंजीता! |
इसी साल आयी 'घर' इस पारिवारिक हादसे पर आधारित फ़िल्म में 'ख़ूबसूरत' रेखा का अभिनय भी आकर्षण रहा..इसमें विनोद मेहरा के साथ उसके "आप की आँखों में कुछ.." गाने में प्यार की गहराई थी! बाद में मुझफ्फ़र अली की फ़िल्म 'उमराव जान' (१९८१) में तो उसने उच्च कोटी का अभिनय दर्शाया जिसके लिए उसे राष्ट्रीय सम्मान भी मिला! इसके आशा भोसले ने गाए "इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं.." इस मुज़रे में रेखा का मुद्राभिनय और अदा कमाल की थी!
![]() |
'उमराव जान' (१९८१) के "इन आँखों की मस्ती के.." मुजरे में रेखा! |
ऐसे आँखों के संदर्भ में मुख़्तलिफ़ गाने हमारी फ़िल्मों में लिखे, गाए और साकार होते रहें है..जैसे की इस दौर के सुपरस्टार शाहरुख़ खान ने भी दीपिका पादुकोण के लिए 'ओम शांति ओम' (२००७) में गाए "आँखों में तेरी अजब सी अजब सी अदाएं हैं.."
![]() |
'हम दिल दे चुके सनम' (१९९९) के "आँखों की.." गानेमें ऐश्वर्या राय और सलमान खान! |
यह सब पीढ़ी दर पीढ़ी बदलता प्यार को जताना है बस्स..इससे प्यार ही फैलेगा! इसी लिए शायद संजय लीला भंसाली की रोमैंटिक हिट फ़िल्म 'हम दिल दे चुके सनम' (१९९९) में ऐश्वर्या राय के साथ सलमान खान का यह गाना रखा गया हो..."आँखों की गुस्ताखियाँ माँफ हो.."
- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]
Wednesday, 21 February 2018
![]() |
'सरस्वती चन्द्र' (१९६८) के "छोड़ दे सारी दुनिया किसीके लिए." गीत में नूतन!
|
श्रेष्ठ अभिनेत्री नूतन!
"छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए..
प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं..
प्यार सब कुछ नहीं जिंदगीके लिए!"

(लता मंगेशकर जी ने गाए हुए मेरे पसंदीदा गीतों में से यह एक!)
'सरस्वती चन्द्र' इस गोवर्धनराम त्रिपाठी के गुजराथी उपन्यास पर गोविंद सरैया ने निर्देशित की इस (कई सम्मान प्राप्त) फ़िल्म में १९ वी सदी में देश में प्रचलित जहागिरदारी व्यवस्था में भारतीय नारी का शोषण दिखाया गया है!
इसे अब ५० साल पुरे हुए हैं; लेकिन परिस्तिथी में अब भी कुछ ख़ास परिवर्तन नहीं आया है!
![]() |
'सरस्वती चन्द्र' (१९६८) में नूतन और मनीष! |
यह किरदार परदेपर जीने वाली प्रतिभाशाली अभिनेत्री नूतन जी को उनके २७ वे स्मृतिदिन पर सुमनांजली!!
- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]
Monday, 19 February 2018
बॉलीवुड मे भोजपुरी लहजा..!!
- मनोज कुलकर्णी
![]() |
'बद्रिनाथ की दुल्हनिया' (२०१७) के शिर्षक होली गीत में वरुण धवन और आलिया भट्ट! |
पिछले साल प्रदर्शित 'बद्रिनाथ की दुल्हनिया' इस फ़िल्म के होली गीत ने बहुत धूम मचाई...जो पुरानी कलासिक फ़िल्म 'तिसरी कसम' (१९६६) के "चलत मुसाफिर मोह लिया रे पिंजड़े वाली मुनिया.." की धून को लेकर आया था!
![]() |
'तिसरी कसम' (१९६६) का मूल गाना "चलत मुसाफिर मोह लिया रे.." |
![]() |
'गंगा जमुना' (१९६१) के "नैन लड़ जइ हैं." पर नाचते दिलीप कुमार और साथी! |
लोकप्रिय हिंदी सिनेमा में भोजपुरी बोली और माहोल का उपयोग देहाती फिल्मो में आम तौर पर होता आ रहा है! इसमें सबसे मशहूर तथा चर्चित (आज भी) रही वह थी अभिनयसम्राट दिलीप कुमार निर्मित १९६१ की 'गंगा जमुना'..जिसमें अपने भाई नासिर खान और वैजयंतीमाला के साथ उन्होने खुद प्रमुख भूमिका निभायी थी!..नौशादजी ने भी उत्तर प्रदेश के लोक संगीत का इसमें बखुबी इस्तेमाल किया था..जिसमें मोहम्मद रफीजी ने गाए हुए (शकील बदायुनी के) "नैन लड़ जइ हैं तो मनवामा कसक होईबे करी.." गाने पर दिलीप कुमार और साथी खूब नाचे थे! इसमें वैजयंतीमाला को "अरे ओ धन्नो.." ऐसी आवाज उन्होंने भोजपुरी लहजे में ही दी थी!
![]() |
'गंगा की सौगंध' (१९७८) में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और रेखा! |
इसके बाद १९७८ में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और रेखा को लेकर सुलतान अहमद ने इस माहोल में 'गंगा की सौगंध' बनायी थी..जो इतनी कामयाब नहीं रही! इसका "रूप जब ऐसा मिला.." यह किशोर कुमारने गाया गाना उसी लहजे में था! बाद में १९८२ मे सचिन और साधना सिंग को लेकर 'राजश्री पिक्चर्स' की 'नदिया के पार' यह संवेदनशील रुमानी फिल्म आयी, जिसमें भोजपुरी भाषा तथा जीवन को दर्शाया गया था! इसका रविंद्र जैन की संगीत मे जसपाल सिंग ने गाया हुआ "साथी कहे तोरे आवन से हमरे.." यह गाना लोकप्रिय हुआ था!
![]() |
'नदिया के पार' (१९८२) मे सचिन और साधना सिंग! |
- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]
Sunday, 18 February 2018
![]() |
शायर जां निसार अख्तर साहब! |
"अशआर मेरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं..
कुछ शेर फकत उनको सुनानेके लिए हैं
अब ये भी नहीं ठीक के हर दर्द मिटा दे
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं.."
ऐसा रुमानी लिखनेवाले शायर जां निसार अख्तर साहब का आज १०४ वा जनमदिन!
मशहूर पटकथा-संवाद लेखक तथा शायर जावेद अख्तरजी के पिताजी और लेखक, अभिनेता-निर्देशक फरहान अख्तर के दादाजी..जां निसार अख्तरजी उर्दू गझल और नज्म के लिए जाने जाते है!
![]() |
"आँखो ही आँखो में.." ('सी.आय.डी.'/१९५६) में देव आनंद और शकीला! |
![]() |
'रझिया सुलतान' (१९८३) में हेमा मालिनी! |
"आँखो ही आँखो में इशारा हो गया.." ('सी.आय.डी.'/१९५६)
"ये दिल और उनकी निगाहों के साये.." ('प्रेम पर्बत/'१९७४)
और कमाल अमरोही की 'रझिया सुलतान' (१९८३) के लिए उन्होंने लिखा हुआ आखरी..
"ऐ दिल-ए-नादान..आरज़ू क्या है..जुस्तजू क्या है.."
उनको यह आदरांजली!!
- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]
Subscribe to:
Posts (Atom)