Thursday, 10 October 2024


जिस साल आप यह जहाँ छोड़ गए,
उसी साल हम इस जहाँ में आएं थे!
संजीदगी, बेरुख़ी क्या हमें छोड़ गए;
शायद इसलिए हम ख़फ़ा ख़फ़ा रहते!

- मनोज 'मानस रूमानी'

(हमारे अज़ीज़ श्रेष्ठ अभिनेता एवं निर्देशक गुरुदत्त जी को उनके ६० वे स्मृतिदिन पर मेरी यह शब्द-सुमनांजलि!)

- मनोज कुलकर्णी

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