"चल मेरे प्यादे बिस्मिल्लाह.."
'शतरंज के खिलाड़ी'' (१९७७) फ़िल्म का यह फ़ेमस संवाद और सीन!
अपने यथार्थवादी उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी पर विश्वविख्यात निर्देशक सत्यजित राय ने बनायी यह एकमात्र उर्दू फ़िल्म थी। सईद जाफरी और संजीव कुमार इन मंजे हुए कलाकारों के जबरदस्त अभिनय से यादगार बनी।
इस फ़िल्म पर मैंने कुछ दिन पहले यहाँ विस्तार से लिखा था।
आज के 'चैस डे' पर इसकी याद आयी!
- मनोज कुलकर्णी
'शतरंज के खिलाड़ी'' (१९७७) फ़िल्म का यह फ़ेमस संवाद और सीन!
अपने यथार्थवादी उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी पर विश्वविख्यात निर्देशक सत्यजित राय ने बनायी यह एकमात्र उर्दू फ़िल्म थी। सईद जाफरी और संजीव कुमार इन मंजे हुए कलाकारों के जबरदस्त अभिनय से यादगार बनी।
इस फ़िल्म पर मैंने कुछ दिन पहले यहाँ विस्तार से लिखा था।
आज के 'चैस डे' पर इसकी याद आयी!
- मनोज कुलकर्णी
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