Sunday, 17 May 2020

"मेरे मेहबूब कहीं और मिला कर मुझसे..!"

अपने हसीन ताजमहल के दीदार पर इन दिनों पाबंदी देखकर मुझे अहसास हुआ साहिरजी ने यह शेर क्यूँ लिखा होगा!

- मनोज कुलकर्णी

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