"तुम्हारे अंजुमन से उठ कर दीवाने कहाँ जाते
जो वाबस्ता हुए तुमसे वो अफ़साने कहाँ जाते.."
हो या..
"वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ ना करे.."
जो वाबस्ता हुए तुमसे वो अफ़साने कहाँ जाते.."
हो या..
"वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ ना करे.."
ऐसा रूमानी लिखनेवाले दोनों मुल्कों में मक़बूल.. (सरहद पार के) मरहूम शायर क़तील शिफ़ाई जी का आज स्मृतिदिन!
उन्हें यहाँ भी 'अमीर खुसरो सम्मान' से नवाज़ा गया था!
उन्हें सुमनांजली!!
- मनोज कुलकर्णी
उन्हें यहाँ भी 'अमीर खुसरो सम्मान' से नवाज़ा गया था!
उन्हें सुमनांजली!!
- मनोज कुलकर्णी
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