मेरे इस ब्लॉग पर हमारे भारतीय तथा पूरे विश्व सिनेमा की गतिविधियों पर मैं हिंदी में लिख रहा हूँ! इसमें फ़िल्मी हस्तियों पर मेरे लेख तथा नई फिल्मों की समीक्षाएं भी शामिल है! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
Monday 1 July 2019
रूपहले पर्दे की कभी ज़ीनत थी.. मुमताज़ जहाँ, नर्गिस, महजबीं! तो फिर आज क्यों मुरझा गई.. अदाकारी की कश्मीर की कली?
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