Saturday 2 March 2019

अच्छी भूमिकाएं करना चाहती हैं चित्रांगदा!


'मॉन्क एण्ड ब्ल्युज' के उद्घाटन समय चित्रांगदा सिंह।

"समकालिन विषयोंपर फ़िल्में बननी चाहिएँ..मै ऐसी फिल्मों में एक्टिंग करना पसंद करती हूँ!" ऐसा अपनी ख़ूबसूरती और स्वाभाविक अभिनय से लुभावनेवाली चित्रांगदा सिंह ने मेरी बात की पुष्टि करते हुएँ कहाँ।
'मॉन्क एण्ड ब्ल्युज' के उद्घाटन वक्त केक काटते हुई चित्रांगदा सिंह 
(उसके साथ) प्रतिम गुज्जर और आफरीन खान!

हाल ही में 'मॉन्क एण्ड ब्ल्युज' इस प्रतिम गुज्जर और आफरीन खान इनके अभिनव रेस्टॉरंट का उद्घाटन करने वह पुणे आयी थी। तब ('रीच आउट' पीआर' के) स्नेही ज़ुबैर पूनावाला के साथ उससे मुलाकात हुई और अनौपचारिक बातें हुई!

'यह साली ज़िन्दगी' (२०११) में इरफ़ान खान और चित्रांगदा सिंह।
२००३ में सुधीर मिश्रा की पोलिटिकल थ्रिलर 'हज़ारो ख़्वाहिशें ऐसी' से चित्रांगदा सिंह बड़े परदे पर आई थी..बंबई में 'मामी' के फिल्म समारोह के दौरान हुए इस के प्रदर्शन समय मिश्रा जी के साथ उससे मेरी पहली मुलाक़ात हुई..इसका ज़िक्र करके मैंने जब पुछा की 'वह ऑफ बीट फिल्मों में ही ज्यादा उभर कर आयी..जैसे फिर से 'यह साली ज़िन्दगी' (२०११)'..तब उसने उपर का वक्तव्य किया।

'बाज़ार' (२०१८) में रूमानी होतें चित्रांगदा सिंह और सैफ़ अली खान।
हालांकि कुछ रूमानी फिल्मों में भी चित्रांगदा नज़र आयी..जैसे की जॉन अब्राहम के साथ 'आय मी और मैं' (२०१३) लेकिन वह बात नहीं बनी!..ऐसे में अपनी भूमिकाएं वह बख़ूबी निभाती रही..इसपर बात करते हुए उसने कहाँ "रोमैंटिक से ज्यादा हटके फ़िल्में मैं करना चाहती हूँ..जैसे की पिछले साल रिलीज हुई 'बाज़ार'!"

ब्रैंड एम्बेसडर की हैसियत से भी काम करती रही चित्रांगदा को २००९ में..
'फिक्की' के 'यंग वीमेन अचीवर अवार्ड' से सम्मानित किया गया था!

उसे मेरी शुभकामनाएं!!

- मनोज कुलकर्णी
   ('चित्रसृष्टी')

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