Monday, 26 May 2025


अब के हालातों के मद्देनज़र शायर साहिर को याद करनेवाली 'अंजुमन' का परसों पुणे में आयोजन किया गया था! यहाँ 'वल्लरी बुक कैफ़े' में हुई इस महफ़िल में मैंने मेरी शायरी पढ़ी! मेरे अच्छे तार्रुफ़ के लिए 'अंजुमन' के श्री. अंजुम लखनवी जी का शुक्रिया!

- मनोज कुलकर्णी (मानस रूमानी)

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