'आधुनिक भारत की मीरा'..वाणी जयराम!
प्रतिभासंपन्न गायिका वाणी जयराम जी! |
'गुड्डी' (१९७१) फ़िल्म के "बोले रे पपीहारा.." गीत में जया भादुड़ी (बच्चन). |
यह प्रेरणादायी गीत गानेवाली वाणी जयराम जी, जिनको हाल ही में 'पद्मभूषण' घोषित हुआ..और अचानक उनके निधन की दुखद ख़बर आयी!
दक्षिण भारत की इस शास्त्रीय गायिका ने १९७० से १९९० के दशक तक कई भाषाओँ में सुमधुर गानें गाएं। जानेमाने संगीतकार वसंत देसाई जी के संगीत में उन्होंने गुलज़ार जी का गाया ऋषिकेश मुख़र्जी की 'गुड्डी' (१९७१) का उपरोक्त गीत पाठशालाओं में गुँजा! आगे प्रतिभासंपन्न अभिनेत्री बनके उभर आई जया भादुड़ी जी की यह पहली हिंदी फ़िल्म, जिसका और एक गाना मुझे पसंद हैं "बोले रे पपीहारा.."
इन गीतों से लोकप्रियता हासिल करने के बाद, वाणी जयराम जी से मशहूर संगीतकार नौशाद जी ने भी 'पाकीज़ा' (१९७२) फ़िल्म की "मोरा साजन.." यह मजरूह जी की रचना शास्त्रीय धुन में गवाई। तो फिर संगीतकार जयदेव जी के संगीत में 'परिणय' (१९७४) फ़िल्म का उन्होंने मन्ना डे जी के साथ गाया.. "मितवा मोरे मन मितवा.." यह गीत भी इसी प्रकृति का था।
'मीरा' (१९७९) फ़िल्म में वाणी जयराम जी ने गाएं भजन साकार करती हेमा मालिनी जी! |
२०१३ में उन्हें 'साउथ इंडियन फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट्स'से सम्मानित किया गया। उन्हें कई स्टेट और नेशनल अवार्ड्स मिले। लेकिन मीराबाई के भजन उसी तन्मयता से गाने के बाद उन्हें जो 'आधुनिक भारत की मीरा' का ख़िताब मिला वह सर्वोच्च रहां! गुलज़ार जी की फ़िल्म 'मीरा' (१९७९) में इस भूमिका में छायी हेमा मालिनी ने, पंडित रवि शंकर जी के संगीत में उन्होंने गाएं ये भजन परदे पर साकार किएँ थे..
"मेरे तो गिरिधर गोपाल.."
वाणी जयराम जी को सुमनांजलि!!
- मनोज कुलकर्णी
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