"मैंने माँगी थी उजाले की फ़क़त इक किरन फ़राज़
तुम से ये किसने कहा आग लगा दी जाए..!"
...ऐसी तरक्कीपसंद या..
"अब के हम बिछडे तो शायद कभी खाँबो मे मिले
जिस तरह सूखें हुए फ़ूल किताबो में मिले..!"
जैसी रुमानी शायरी करनेवाले..
आधुनिक ऊर्दू शायरी में एक मशहूर नाम सैद अहमद शाह..याने अहमद फ़राज़ साहब!
आज उनके जनमदिन पर उन्हे सुमनांजली!!
- मनोज कुलकर्णी
तुम से ये किसने कहा आग लगा दी जाए..!"
...ऐसी तरक्कीपसंद या..
"अब के हम बिछडे तो शायद कभी खाँबो मे मिले
जिस तरह सूखें हुए फ़ूल किताबो में मिले..!"
जैसी रुमानी शायरी करनेवाले..
आधुनिक ऊर्दू शायरी में एक मशहूर नाम सैद अहमद शाह..याने अहमद फ़राज़ साहब!
आज उनके जनमदिन पर उन्हे सुमनांजली!!
- मनोज कुलकर्णी
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