Saturday, 4 October 2025

विख्यात अभिनेता-फ़िल्मकार अमोल पालेकर!

दिल्ली में सन २००० में हुए हमारे 'इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया' में
अमोल पालेकर जी की फ़िल्म 'कैरी' की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उनके साथ मैं!

ज्येष्ठ अभिनेता-फ़िल्मकार अमोल पालेकर जी उम्र ८० पर है और कैरियर के ५० साल पुरे कर चुके है। हाल ही में उनकी ऑटोबायोग्राफी 'ऐवज: एक स्मृतिबंध' प्रकाशित हुई!

'घरौंदा' (१९७७) में अमोल पालेकर और ज़रीना वहाब!
१९७० के दशक में 'छोटी सी बात', 'घरौंदा' जैसी हिंदी फिल्मों से शहरी जीवन में मध्यमवर्गीय नायक का किरदार लोकप्रिय करते अमोल पालेकर उभर आए। बाद में १९८१ में वे निर्देशन की तरफ मुड़े और ग्रामीण वास्तवता दिखाती मराठी फ़िल्म 'आक्रीत' बनाकर उसमें प्रमुख भूमिका उन्होंने निभाई। फिर १९८६ में 'अनकही' इस गूढ़ ऑफबीट हिंदी फ़िल्म का निर्देशन उन्होंने किया।

इसके बाद १९९० और २००० इन दशकों में दोनों भाषाओँ में वे सामाजिक तथा कलात्मक फिल्में बनाते गए। इसमें 'बनगरवाड़ी', 'ध्यासपर्व', 'अनाहत', 'समांतर' ये मराठी फिल्में थी और 'थोड़ासा रूमानी हो जाएँ', 'दायरा', 'पहेली' ये हिंदी फिल्में थी।

अभिनेता के तौर पर 'फ़िल्मफ़ेयर' जैसे अवार्ड्स और अपनी निर्देशित फिल्मों के लिए राष्ट्रीय सम्मान उन्हें मिले!

फ़िल्म क्रिटिक की हैसियत से उनकी फिल्मों के प्रदर्शन के समय और फ़िल्म समारोहों में मेरी उनसे मुलाकातें तथा वार्तालाप होते रहें!

उन्हें शुभकामनाएं!!

- मनोज कुलकर्णी

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