Wednesday, 10 September 2025


कुदरत का यह कैसा भयावह मंजर है
सभी के जीने के लिए बरसता पानी..
अब जीवन उजाड़ने पर तुला है!

- मनोज 'मानस रूमानी'

[हिमाचल तथा पंजाब बाढ़ की त्रासदी दुखदायक!
पीड़ितों के प्रति संवेदना!!]

- मनोज कुलकर्णी

Monday, 8 September 2025


"मन क्यूँ बहका री बहका आधी रात को.."

स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकर जी के साथ आशा भोसले जी ने गाया हुआ यह गीत मेरे मन में गूँजा! इन दोनों ने गाएं गीतों में मुझे यह अभिजात तथा लाजवाब लगता हैं!!


संगीतकार प्यारेलाल शर्मा जी!
वसंत देव जी ने लिखा और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी ने संगीतबद्ध किया यह गीत..'उत्सव' (१९८४) इस शशी कपूर जी निर्मित और गिरीश कर्नाड जी निर्देशित फ़िल्म में ख़ूबसूरत रेखा और अनुराधा पटेल पर अशोक मेहता जी ने बड़ी कलात्मकता से फ़िल्माया था।

इसकी ख़ासियत यह थी..शुरु गुनगुनाते लताजी करती हैं और हर पंक्ति का पहला भाग वो गाती हैं, फिर दूसरा भाग आशाजी गाती हैं, जैसे "मन क्यूँ बहका.." लताजी ने और "बेला महका.." आशा जी ने गाया! यह दोनों ने अपने अंदाज़ में गाया!


'उत्सव' (१९८४) में ख़ूबसूरत रेखा!

आज आशाजी के ९२ वे जन्मदिन पर, जब की अब लतादीदी इस दुनिया में नहीं हैं, ऐसे वक़्त मुझे यह गीत याद आया हैं। इसके संगीतकार (लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल में से) प्यारेलाल शर्मा जी का ८५ वा जन्मदिन पिछले हफ्ते ही संपन्न हुआ!..और यह गीत जिनपर फ़िल्माया गया वो रेखा जी अब ७० की उम्र में भी वही रुतबा संभाली हुई हैं! मेरा सौभाग्य की मैं इन सबको मिला हूँ!!

- मनोज कुलकर्णी