मेरे अज़ीज़ शायर तथा गीतकार मरहूम मजरूह सुल्तानपुरी जी को मेरे अज़ीज़ गायक मोहम्मद रफ़ी जी के नाम का जीवन गौरव पुरस्कार प्रदान किया जाएगा इस ख़बर से ख़ुशी हुई!
इन दोनों पर मैंने बहुत लिखा। इस समय रफ़ी जी ने गाए मजरूह जी के गीत मेरे मन में गूँज रहें हैं। "चाहूँगा मैं तुझे.." जैसे 'दोस्ती' पर हो, या "अब क्या मिसाल दूँ मैं तुम्हारे शबाब की.." जैसे रूमानी!
और याद आ रहा हैं एक मुशायरे के बाद मजरूह साहब को मिलने पर उन्होंने मेरे सिर पर रखा हाथ!
इन दोनों को सलाम!!
- मनोज कुलकर्णी (मानस रूमानी)
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