ईर्ष्या, मुक़ाबला ये अल्फ़ाज़ नहीं आतें
ऐसे जज़्बाती क़लमकारों की दोस्ती में
खिलखिलाती हैं शेर-ओ-शायरी प्यार की
महफ़िल इन सुख़नवरों की जब सजती हैं!
- मनोज 'मानस रूमानी'
(मशहूर लेखक-शायर जावेद अख़्तर जी पर लिखी गई किताब 'जादूनामा' का विमोचन हालही में जानेमाने लेखक-शायर गुलज़ारजी के हाथों हुआ। तब इन दो दिग्गजों के बीच की गहरी दोस्ती की जैसे महफ़िल खिली थी! उसपर उनको मुबारक़बाद देते हुए मैंने लिखा!)
- मनोज कुलकर्णी
No comments:
Post a Comment