Friday 28 January 2022

सुरीली ज्येष्ठ गायिका सुमन कल्याणपुर जी और 'स्वरसम्राज्ञी' लता मंगेशकर जी!

"हमारा शायद पिछले जनम का कुछ नाता हो!"


सुरीली ज्येष्ठ गायिका सुमन कल्याणपुर जी ने आज उनके ८५ वे जनमदिन पर यह 'स्वरसम्राज्ञी' लता मंगेशकर जी का ज़िक्र करते कहा हुआ एक जगह पढ़ा।

इससे मुझे थोड़ा ताज्जुब हुआ; क्योँकि आज तक कुछ मीडिया ने अलग ही बात बनाई थी! वैसे मैं इन दोनों को मिला हूँ और असलियत से वाक़िफ़ हूँ। इनमें स्पर्धा हो ही नहीं सकती थी!

ख़ैर, "जिथे सागरा धरणी मिळते.." (पुत्र व्हावा ऐसा/१९६१) जैसे मराठी प्रेमगीत हो या "जूही की कली मेरी लाडली.." (दिल एक मंदिर/१९६३) जैसे हिंदी दुलार भरे गीत.. सुमन कल्याणपुर जी की मीठी भावुक आवाज़ की मिसाल देतें हैं।

'ममता' (१९६६) में दिग्गज बंगाली अभिनेत्री सुचित्रा सेन ने निभाई दोहरी भूमिकाएं!
मुकेशजी के साथ "मेरा प्यार भी तू है.." (साथी/१९६८) हो या मोहम्मद रफ़ीजी के साथ "आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे.." (ब्रह्मचारी/१९६८).. उनकी ऐसी युगल गीतें भी मशहूर हुई।

१९६६ में असित सेन निर्देशित एक अभिजात फ़िल्म आयी थी 'ममता' जिसमें दिग्गज बंगाली अभिनेत्री सुचित्रा सेन ने दोहरी भूमिकाएं निभाई थी। मजरूह सुलतापुरी जी ने इसके लिए बड़े भावपूर्ण गीत लिखें थे और रोशन जी ने वे संगीतबद्ध किए थे। 
इसका एक मशहूर और मेरा प्रिय गीत है "रहे ना रहे हम महका करेंगे.." जो माँ हुई सुचित्रा जी के लिए लता मंगेशकर जी ने गाया था और बाद में वही बेटी बनी सुचित्रा के लिए सुमन कल्याणपुर ने रफ़ी जी के साथ गाया था।
अब इससे आप अंदाज़ा लगा सकतें इनकी हैसियत का!

अपनी 'स्वरसम्राज्ञी' लता मंगेशकर जी के स्वास्थ्य के लिए दुआ मांगते हुए,
सुमन कल्याणपुर जी को जनमदिन की शुभकामनाएं देते हैं!!

- मनोज कुलकर्णी

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