'रुदाली' का भूपेन हज़ारिका जी ने गाया यह दर्दभरा गीत आज मन में गूंजा..
उसपर डिंपल कपाड़िया की यह (राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त) हटके व्यक्तिरेखा आँखों के सामने आयी!
समानांतर सिनेमा की संवेदनशील फ़िल्मकार कल्पना लाज़मी जी! |
उनका आज ३ रा स्मृतिदिन!
मुझे याद आ रही है फ़िल्म समारोह के दरमियान भूपेनदा के साथ कल्पना जी से हुई मुलाक़ात!
उन्हें सुमनांजलि!!
- मनोज कुलकर्णी
No comments:
Post a Comment