Friday 9 April 2021

जोया..'सुमन'!

फ़िल्म इंस्टिट्यूट की डिप्लोमा फ़िल्म 'सुमन' में जया भादुड़ी!
अपने भारतीय सिनेमा की..स्वाभाविक अभिनय से ख्यातिप्राप्त जया भादुड़ी-बच्चन जी का आज जनमदिन!

'सुमन' फ़िल्ममें जया भादुड़ी का अल्हड़पन!
इस अवसर पर याद आयी उनकी पुणे के फ़िल्म इंस्टिट्यूट की डिप्लोमा फ़िल्म..'सुमन'! पचास साल पहले यहाँ एक्टिंग कोर्स के दरमियान उन्होंने उसमे शीर्षक भूमिका की थी।

कुछ साल हुए, मुझे 'एफटीआयआय' में वह फ़िल्म 'सुमन' देखने का मौका मिला। मदन बवेरिया लिखित-निर्देशित इस फ़िल्म के शुरू में उनका नाम (बांग्ला भाषा के मुताबिक़) सिर्फ "जोया" आता है। गांव की अल्हड़ लड़की की यह व्यक्तिरेखा, टैगोर की कहानियों पर प्रख्यात फ़िल्मकार सत्यजित राय ने बनायीं 'तीन कन्या' (१९६१) में से तीसरी, अपर्णा सेन ने साकार की मृण्मयी से मिलती है। लेकिन जया जी ने उसमे गहरा भावरंग भरा है!
सत्यजित राय की फ़िल्म 'महानगर' (१९६३) में अनिल चैटर्जी और माधबी मुखर्जी के बीच जया भादुड़ी!

 
 हालांकि, इससे पहले, १५ साल की उम्र में जया भादुड़ी ने परदे पर पहली बार सत्यजित राय की बांग्ला फ़िल्म 'महानगर' (१९६३) में काम किया था। इसमें प्रमुख भूमिका में रही माधबी मुखर्जी के पति हुए अनिल चैटर्जी की बहन उसने साकार की थी। इस फ़िल्म के लिए सत्यजित राय को 'बर्लिन इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल' में अवार्ड मिला था।



हृषिकेश मुख़र्जी की फ़िल्म 'गुड्डी' (१९७१) में लाजवाब जया भादुड़ी!
'महानगर' के बाद जया जी ने पुणे के फिल्म इंस्टिट्यूट में अपने एक्टिंग कोर्स के दरमियान 'सुमन' फ़िल्म में काम किया। कोर्स में 'गोल्ड मेडल' प्राप्त किए उनको फिर फ़िल्म इंडस्ट्री में कदम रखते ही हृषिकेश मुख़र्जी की 'गुड्डी' (१९७१) ऑफर हुई। फिर अपने लाजवाब अभिनय से उसने गुड्डी को यादगार बनाया।

आगे का उनका कमाल का अभिनय सफर तो पता है, जिसके बारे में मैंने पहले बड़ा आर्टिकल लिखा था।

 
 
ख़ैर, उन्हें शुभकामनाएं!!

- मनोज कुलकर्णी

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