Sunday 31 December 2023

अलविदा साजिद..'सन ऑफ़ इंडिया'!


"नन्हा मुन्ना राही हूँ..
देश का सिपाही हूँ..
बोलो मेरे संग जय हिंद
जय हिंद..जय हिंद!"

दिग्गज फ़िल्मकार महबूब ख़ान जी के 'सन ऑफ़ इंडिया' किरदार में परदेपर यह गीत बड़े जोश से साकार किया था मास्टर साजिद ने! अब वो नहीं रहे इस दुखद ख़बर से यह याद आया! हालांकि ६० साल पुराना यह स्फूर्तिदायक गीत बचपन से कानों में गूँजता आ रहा हैं!

बम्बई के गरीब बस्ती से गोद लिए इस बच्चे को महबूब साहब ने अपनी फिल्म 'मदर इंडिया' में पहली बार पेश किया। इसमें उसने बंडखोर नायक बिरजू बने सुनील दत्त की बचपन की भूमिका उसी तरह निभाई! नर्गिस जी की सर्वश्रेष्ठ अभिनय की यह फ़िल्म राष्ट्रीय स्तर पर बहुत सराही गई और 'ऑस्कर' तक पहुँचनेवाली पहली भारतीय फ़िल्म रही! फिर 'सन ऑफ़ इंडिया' (१९६२) फ़िल्म में मास्टर साजिद वह देशभक्ति गीत गाकर भारत भ्रमण करता नज़र आया!

१९६४ में महबूब साहब गुज़र जाने के बाद, इस साजिद को कुछ इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स में काम करने का मौका मिला। इसमें थी जॉन बेर्री की फ़िल्म 'माया' (१९६६) जिससे वह टीनेज आइडियल हुए! फिर फिलीपींस में नोरा औनोर के साथ 'द सिंगिंग फ़िलिपिना' (१९७१) जैसी फ़िल्मों में भूमिका करके उसने खूब शोहरत बटोर ली! मर्चेंट-आइवरी प्रोडक्शन की 'हीट एंड डस्ट' (१९८३) तक वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छाये रहे! साल २००० तक कुछ टीवी धारावाहिक में भी उन्होंने काम किया

हाल ही में वे इस जहाँ से रुख़्सत हुए हैं। उन्हें अलविदा!!

- मनोज कुलकर्णी

Saturday 16 December 2023

अलविदा..जूनियर महमूद!!


"भाईजान ने हमें यह नाम दिया!"
अपने भारतीय सिनेमा के 'कॉमेडी किंग' मेहमूद जी के बारे में बड़ी इज़्ज़त से कहा करते थे..जूनियर महमूद जिनका असल में नाम नईम सय्यद था!

'कॉमेडी किंग' मेहमूद जी के साथ जूनियर महमूद!
महमूद जी की मिमिक्री खूब किया करते थे वे! 'ब्रह्मचारी' (१९६८) फ़िल्म में "हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं.." गाना
उसी लहजे में पेश करना या उनकी डायलॉग डिलिव्हरी हो! महमूद जी की फ़िल्म 'बॉम्बे टू गोवा' (१९७२)  में उन दोनों का सीन कमाल था!

ऐसे ही 'घर घर की कहानी' (१९७०) फ़िल्म के "ऐसा बनूँगा एक्टर मैं यारों.." गाने में जूनियर महमूद ने देव आनंद, राज कपूर और दिलीप कुमार इनका अंदाज़ बखूबी पेश किया! वैसे ही पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ 'आन मिलो सजना' (१९७०) फ़िल्म के "जवानी ओ दीवानी तू ज़िंदाबाद.." गाने में और 'कारवाँ' (१९७१) में जितेंद्र के साथ की केमिस्ट्री भी!

लगभग २५० फिल्मों में जूनियर महमूद जी ने काम किया था। हाल ही में उनका दुखद इंतक़ाल हो गया!

इस वक्त याद आयी कई साल पहले उन्होंने बनाई 'मस्करी' (१९९१) इस मराठी फ़िल्म के वक्त उनसे हुई मुलाक़ात! तब पुणे में हम फ़िल्म पत्रकारों के साथ उनकी जमी महफिल हंसी के फव्वारे भरी रही !


ख़ैर, सुपरस्टार बालकलाकार कहे जानेवाले उन्हें अलविदा!!

- मनोज कुलकर्णी