Friday 15 March 2024

ऐ मेरे हमसफ़र..!


आमिर ख़ान के साथ मैं १९९७ में मुंबई में फ़िल्म फेस्टिवल के दौरान!

कल
हमारे बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता आमिर ख़ान का ५९ वा जनमदिन था!

'यादों की बारात' (१९७३) में बालकलाकार आमिर!
रूमानी फ़िल्मकार नासिर हुसैन
की फ़िल्म 'यादों की बारात' (१९७३) में उनका यह भतीजा आमिर पहली बार एक बालकलाकार के रूप में परदेपर आया! बाद में उन्ही के बेटे मंसूर ख़ान की फ़िल्म 'क़यामत से क़यामत तक' से वो नौजवान हीरो बना।

मैंने आमिर की नौजवान होने के बाद की फ़िल्म कैरियर रूबरू देखी हैं! १९८४ में केतन मेहता की आर्ट फ़िल्म 'होली' की शूटिंग पुणे के फ़िल्म इंस्टिट्यूट (एफटीआयआय) में हुई थी और इसमें आमिर एक अहम भूमिका में काम कर रहा था। तब मै कॉलेज में पढता था और मैंने (टीनएज में ही) सिनेमा पर लिखना शुरू किया था! फ़िल्म इंस्टिट्यूट में मेरा अक्सर जाना होता था। तो तब मैंने वहां उस फ़िल्म की शूटिंग देखी। साथ में केतन जी और आमिर से बातें भी हुई!

'क़यामत से क़यामत तक' (१९८८) फ़िल्म में जूही चावला और आमिर ख़ान!
इसके चार साल बाद, मैंने जर्नलिज्म - (बीसीजे) कोर्स करते ही..आमिर की बतौर हीरो पहली मेनस्ट्रीम बॉलीवुड फ़िल्म देखी 'क़यामत से क़यामत तक' (१९८८) जो हिट रही। फिर इंटरव्यूज भी हुए, उसके गायक उदित नारायण के साथ भी! इसी दौरान मैंने फ़िल्म इंस्टिट्यूट में ('एनएफएआई' द्वारा) 'फ़िल्म अप्रेसिअशन कोर्स' किया और मैं फ्री लांस फ़िल्म जर्नलिस्ट हुआ!

तब से लेकर आमिर ख़ान का परफेक्शनिस्ट एक्टर होने तक, यह सफर सराहनीय रहा हैं! उसके फ़िल्म कैरियर के (बाल कलाकार से अब तक) ५० साल पुरे हुएं ऐसा कह सकते! मुझे भी फ़िल्म जर्नलिज्म में (१९ साल की उम्र से) आकर ४० साल हो गए हैं!!

ख़ैर, आमिर खान को सालगिरह मुबारक़!!

- मनोज कुलकर्णी