मेरे इस ब्लॉग पर हमारे भारतीय तथा पूरे विश्व सिनेमा की गतिविधियों पर मैं हिंदी में लिख रहा हूँ! इसमें फ़िल्मी हस्तियों पर मेरे लेख तथा नई फिल्मों की समीक्षाएं भी शामिल है! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
Saturday 31 July 2021
"वो जब याद आये बहोत याद आये.."
Friday 30 July 2021
१९४१ में उनका पहला गीत गाया था तलत महमूद ने..जिन्होंने उनका बाद में यह मशहूर किया "तस्वीर तेरी दिल मेरा बेहेला न सकेगी.."
Thursday 29 July 2021
Wednesday 28 July 2021
शोख़ और शालीन अदाकारा..कुमकुम!
'कोहिनूर' (१९६०) फ़िल्म के "मधुबन में राधिका नाचें रे.." इस गाने में दिलीप कुमार के सामने नृत्य करती कुमकुम! |
फ़िल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' (१९६४) में धर्मेंद्र की नायिका कुमकुम! |
Sunday 25 July 2021
Thursday 22 July 2021
Thursday 15 July 2021
वो 'देवदास' अब नहीं!
'देवदास' (१९५५) फ़िल्म के सर्वोच्च शोकाकुल प्रसंग में अपने ट्रैजडी किंग दिलीपकुमार! |
'देवदास' (२००२) में माधुरी दीक्षित, शाहरुख़ ख़ान और ऐश्वर्या राय! |
बंगाली 'देवदास' (१९३५) में प्रमथेश बरुआ और जमुना! |
बेहतरीन 'देवदास' (१९५५) फ़िल्म में वैजयंतीमाला, दिलीपकुमार और सुचित्रा सेन! |
Monday 12 July 2021
'सिलसिला' (१९८१) फ़िल्म के रूमानी लम्हे में अमिताभ बच्चन और रेखा! |
'मुक़द्दर का सिकंदर' (१९७८) में रेखा और अमिताभ बच्चन! |
'दो अंजाने' मिले..छिड़ गया प्यार का 'आलाप'
"सलाम-ए-इश्क़.." कहे सिकंदर की हुई जोहरा
"तू ने मेरा दिल ले लिया.." कहते हुआ इज़हार
देखें दोनों ख़्वाब पर रुका प्यार का 'सिलसिला'
- मनोज 'मानस रूमानी'
'मिस्टर नटवरलाल' (१९७९) फ़िल्म में रेखा और अमिताभ बच्चन! |
मेगा स्टार अमिताभ बच्चन और 'ख़ूबसूरत' रेखा..अपने भारतीय सिनेमा की मेरी एक - पसंदीदा जोड़ी! उनसे मेरी मुलाकातें हुई और उन पर ख़ूब लिखा भी! लगभग ५ सालों में - क़रीब १० फ़िल्मों में वे साथ आएं 'सिलसिला' (१९८१) तक, जिसे अब ४० साल पूरे हुएं।
इसलिए यह लिखा।
- मनोज कुलकर्णी
Sunday 11 July 2021
बिमल रॉय की फ़िल्म 'देवदास' (१९५५) में सुचित्रा सेन के साथ दिलीप कुमार! |
प्रेमिका का प्यार खोए हुए अंतर्मुख
तो कभी उसे पाने के लिए बग़ावत
महबूब के ऐसे मुख़्तलिफ़ किरदार
बख़ूबी निभातें वे हो गए अज़ीज़!
के. आसिफ की फ़िल्म 'मुग़ल-ए-आज़म' (१९६०) में मलिका-ए-हुस्न मधुबाला के साथ शहंशाह-ए-अदाकारी दिलीपकुमार! |
किरदारों में डालतें अपनी जान
अदाकारी के वे हो गए आदर्श
साथ ही थे वे बेहतरीन इंसान
भारतीय सिनेमा के कोहिनूर!
- मनोज 'मानस रूमानी'
अपने पुरे हिन्दोस्ताँ के अदाकारी के शहंशाह यूसुफ़ ख़ान याने दिलीपकुमार साहब को तहे दिल से सलाम!
- मनोज कुलकर्णी