'इंडियन आइडल १२' के मंचपर व्हीलचेयर पर गीतकार संतोष आनंद जी। उनके साथ संगीतकार प्यारेलाल शर्मा जी और गायिका नेहा कक्कड़! |
उनकी नाजुक हालत देखकर उपस्थित सद्गदित हुएं। इसमें थे अतिथि के रूप में उपस्थित उस गाने को संगीतबद्ध करने वाले (लक्ष्मी-प्यारे में से).. प्यारेलाल शर्मा जी।
इस वक़्त जजों में से नेहा कक्कड़ ने खुद वह गाना गाया और बाद में भावुक होकर.. संतोष आनंद जी को आर्थिक सहायता जाहिर की।
'शोर' (१९७२) फ़िल्म के "एक प्यार का नगमा है.." गाने में नंदा और मनोजकुमार! |
ख़ैर, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आए संतोष आनंद जी के गीतकार की हैसियत से सफ़र को अब पचास साल हो गएँ हैं।
उनको पहली बार १९७० में, देशभक्ति पर फ़िल्में बनानेवाले अभिनेता-निर्देशक मनोज कुमार ने अपनी फिल्म 'पूरब और पश्चिम' में गीत लिखने का मौका दिया। पश्चिम की तुलना में पूरब सभ्यता और संस्कृति में कैसा महान है यह बयां करनेवाला वह गीत था "पुरवा सुहानी आयी रेs."
'क्रांति' (१९८१) के "ज़िंदगी की ना टूटे लड़ी.." गाने में मनोजकुमार और हेमा मालिनी! |
'प्यासा सावन' (१९८१) के "मेघा रे मेघा रे s.." गाने में जितेंद्र और मौसमी चटर्जी! |
'प्रेम रोग' (१९८२) के "मोहब्बत हैं क्या चीज़.." गाने में पद्मिनी कोल्हापुरे और ऋषि कपूर! |
के 'फ़िल्मफ़ेअर' पुरस्कार भी प्राप्त हुएं।
उनकी स्थिति पर मुझे "एक प्यार का नगमा है" गीत की पंक्तियाँ याद आती है और आँखें नम होतीं हैं..
"आँखों में समंदर है..
आशाओं का पानी है..
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है..!"
अच्छी सेहत के लिए उन्हें शुभकामनाएं!
- मनोज कुलकर्णी