दो "ज़िंदगी.." गाने मुकेश पिता-पुत्र और मनोज कुमार!
दर्दभऱी आवाज के मुकेश जी! |
"ज़िंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी हैं.."
मेरा एक पसंदीदा गाना (जो अपने भी किसीको याद करके) आँखें नम कर देता हैं!
'शोर' (१९७२) इस मनोज कुमार जी की फ़िल्म के लिए दर्दभऱी आवाज के मुकेश जी ने यह गाया था।
हालांकि इसके दो वर्शन्स थे..एक डुएट जिसमे लता मंगेशकर जी के साथ उन्होंने गाया और बादमे सैड सोलो ख़ुद!
अपनी 'शोर' (१९७२) फ़िल्म के उस गाने में मनोज कुमार! |
इसकी खास बात यह थी की इसके संगीतकार (लक्ष्मी-प्यारे जोड़ी के) प्यारेलाल शर्मा जी ने ख़ुद इसमें व्हायोलिन बजाया था।
गायक नितिनजी मुकेश! |
लगभग एक दशक बाद, संजोग ऐसा हुआ की 'क्रांति' (१९८१) इस मनोज कुमार जी की
ही फ़िल्म में "ज़िंदगी की ना टूटे लड़ी प्यार करले घडी दो घडी.." यह गाना
मुकेश जी के बेटे नितिनजी ने गाया और वोभी लता मंगेशकर जी के साथ। मनोज
कुमार और हेमा मालिनी पर यह दर्दनाक तरीके से फ़िल्माया गया था।
अपनी 'क्रांति' (१९८१) फ़िल्म के उस गाने में मनोज कुमार! |
इन दोनों "ज़िंदगी.." गानों को लिखा था संतोष आनंद जी ने ही।
मुकेश जी के स्मृतिदिन पर यह याद आया!
उन्हें यह सुमनांजलि!!
- मनोज कुलकर्णी