"राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा.."
ऐसा लिखकर यहाँ से रुख़सत हुई हमारे भारतीय सिनेमा की बेहतरीन अदाकारा और शायरा महजबीं बानो याने मीना कुमारी जी का आज स्मृतिदिन!
उनकी आखरी लाजवाब.. 'पाकीज़ा' (१९७२) फ़िल्म के सेट पर हुई शायराना महफ़िल की यह दुर्लभ तस्वीर! इसमें उनके शौहर, इसके दिग्गज लेखक-फ़िल्मकार कमाल - अमरोही के साथ..वहां पाकिस्तान से तशरीफ़ लाए शायर क़तील शिफ़ाई दिखाई दे रहें हैं!
"तुम पूछो और मैं न बताऊं ऐसे तो हालात नहीं..
एक जरा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं.!"
ऐसा लिखनेवाले दोनों मुल्कों में मक़बूल उर्दू शायर क़तील शिफ़ाई जी की जन्मशताब्दी हाल ही में हुई!
इनको सलाम!!
- मनोज कुलकर्णी
छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा.."
ऐसा लिखकर यहाँ से रुख़सत हुई हमारे भारतीय सिनेमा की बेहतरीन अदाकारा और शायरा महजबीं बानो याने मीना कुमारी जी का आज स्मृतिदिन!
उनकी आखरी लाजवाब.. 'पाकीज़ा' (१९७२) फ़िल्म के सेट पर हुई शायराना महफ़िल की यह दुर्लभ तस्वीर! इसमें उनके शौहर, इसके दिग्गज लेखक-फ़िल्मकार कमाल - अमरोही के साथ..वहां पाकिस्तान से तशरीफ़ लाए शायर क़तील शिफ़ाई दिखाई दे रहें हैं!
"तुम पूछो और मैं न बताऊं ऐसे तो हालात नहीं..
एक जरा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं.!"
ऐसा लिखनेवाले दोनों मुल्कों में मक़बूल उर्दू शायर क़तील शिफ़ाई जी की जन्मशताब्दी हाल ही में हुई!
इनको सलाम!!
- मनोज कुलकर्णी