बाबासाहब जैसे चलो!!
धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र का मार्ग उन्होंने दिखाया
छूत-अछुत और अमीर-गरीब का भेद मिटाया
समान न्याय, मानवतावाद का सन्देश दिया..
लेकिन न मिटे कोई भेद, ना हटी कोई दूरियाँ
रोटी, कपड़ा और मकान का संघर्ष जारी रहा..
उनके नाम का उपयोग राजनीति के लिए हुआ!
- मनोज 'मानस रूमानी'
(अपने संविधान के निर्माता 'भारतरत्न' डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को उनके १३० वे जनमदिन पर सलाम!)
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