Sunday 25 April 2021

श्रेष्ठ कवि और गायक परिवारों का मिलाप!


भारतीय सिनेमा की जानीमानी ख़ूबसूरत अदाकारा..शर्मिला टैगोर!

अपने रूमानी भारतीय सिनेमा के सुवर्ण काल की जानीमानी ख़ूबसूरत अदाकारा..शर्मिला टैगोर जी को 'मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार' जाहीर हुआ हैं।

स्वरसम्राज्ञी..लता मंगेशकर जी!
इस वक़्त मुझे एक अनोखा मिलाप इसमें नज़र आया.. कविवर्य रबीन्द्रनाथ टैगोर के परिवार से है शर्मिलाजी और गायक मास्टर दीनानाथ जी की कन्या स्वरसम्राज्ञी..लता मंगेशकर जी!

वैसे लताजी ने रबीन्द्रनाथजी का यह मशहूर बांग्ला गीत गाया है..
"जोड़ी तोर डाक शुने केऊ ना 
असे तोबे एकला चोलो रे.."


'मेरे हमदम मेरे दोस्त' (१९६८) के "चलो सजना.." गाने में शर्मिला टैगोर!
शर्मिलाजी नायिका रहीं कई फिल्मों के उनके गीत लताजी ने गाएं, जैसे की उनके खुद के पसंदीदा गानों में से..
"चलो सजना जहाँ तक घटा चले..लगा कर मुझे गले.."

मजरूह जी का लिखा यह गीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी ने संगीत बद्ध किया था फ़िल्म 'मेरे हमदम मेरे दोस्त' (१९६८) के लिए। और संजोग की बात यह की प्यारेलाल शर्मा जी को भी इस साल यह पुरस्कार घोषित हुआ है

इनको मुबारक़बाद!!

- मनोज कुलकर्णी

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