दिल है कि मानता नहीं!
संगीतकार (नदीम-श्रवण में से) श्रवण राठौड़! |
१९९० के दशक में रोमैंटिक बॉलीवुड म्यूजिक पर एक संगीतकार जोड़ी का जैसे राज था, वो थी..
नदीम-श्रवण!..उसमें से श्रवण राठौड़ का अब के हालातों में निधन हो जाना यह दुखदायक है।
"नज़र के सामने जिगर के पास.." ऐसे युवा दिल को छू लेनेवाले समीर के गीत और नदीम-श्रवण का संगीत इसने 'आशिक़ी' (१९९१) जैसी फ़िल्म ने भी धूम मचाई थी। "मेरा दिल भी कितना पागल है.." ('साजन'/१९९२), "तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार.." ('दीवाना'/१९९३), "कितना प्यारा तुझे.." ('राजा हिंदुस्तानी'/१९९६) ऐसे इस.. गीतकार-संगीतकार जोड़ी के गाने मशहूर होते रहें। साथ ही वे 'बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर' के 'फ़िल्मफेयर' अवार्डस लगातार जीतते गए।
और आनंद बक्षी ने लिखें उन्होंने संगीतबद्ध किएं "आय लव माय इंडिया.." ('परदेस'/१९९७) ऐसे गानें उन्हें 'स्टार स्क्रीन' अवार्ड् जीताते गएँ!
श्रवण जी के ऐसे अचानक जाने पर, उन्ही के संगीत में कुमार सानू और अनुराधा पौडवाल ने गाया गीत याद आता हैं..
"दिल है कि मानता नहीं.."
- मनोज कुलकर्णी
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