Monday 6 April 2020

दिये की रोशनी में पवित्र प्यार!


बिमल रॉय की क्लासिक फ़िल्म 'देवदास' (१९५५) में सुचित्रा सेन और दिलीप कुमार!
सालों बाद कलकत्ता से उच्च विद्या विभूषित होकर देवदास जब गाँव लौटता हैं..तो पहले अपने घर नहीं जाता, बल्कि अपनी बचपन की माशुका पारो को मिलने उसके घर जाता हैं!..तब उसकी आहट से शरमा कर ऊपर छुपी पारो को देवदास दिये की रोशनी में देखता हैं!

अपने दिग्गज फ़िल्मकार बिमल रॉय की क्लासिक 'देवदास' (१९५५) में बेहतरीन कलाकार दिलीप कुमार और सुचित्रा सेन पर चित्रित यह प्रसंग पवित्र तथा उत्कट प्यार का अनोखा अहसास देता हैं!

शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की इस अमर प्रेमकथा पर नबेंदु घोष ने लिखे स्क्रीनप्ले के अनुसार सिनेमैटोग्राफर कमल बोस ने यह कल्पकता से फिल्माया हैं!

सुचित्रा सेन जी के जनमदिन पर..अपने भारतीय सिनेमा से मेरा यह एक और पसंदीदा प्रेमदृश्य आज याद आया!

- मनोज कुलकर्णी

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