"रिम झिम गिरे सावन..
सुलग सुलग जाए मन.."
संजोग ऐसा की अभी पुणे में बारिश आयी और..सामने टीवी पर 'मस्ती-म्यूजिक' चैनलपर मेरा यह पसंदीदा गाना आया!
बासु चैटर्जी की फिल्म - 'मंज़िल' (१९७९) का योगेश जी ने लिखा यह गाना आर. डी. बर्मन के संगीत में उस भावनाओं के साथ लता मंगेशकर जी ने गाया हैं!
परदे पर अमिताभ बच्चन और मौशमी चैटर्जी ने बम्बई के भीगे रूमानी माहौल में इसे एन्जॉय किया हैं!
सुलग सुलग जाए मन.."
संजोग ऐसा की अभी पुणे में बारिश आयी और..सामने टीवी पर 'मस्ती-म्यूजिक' चैनलपर मेरा यह पसंदीदा गाना आया!
बासु चैटर्जी की फिल्म - 'मंज़िल' (१९७९) का योगेश जी ने लिखा यह गाना आर. डी. बर्मन के संगीत में उस भावनाओं के साथ लता मंगेशकर जी ने गाया हैं!
परदे पर अमिताभ बच्चन और मौशमी चैटर्जी ने बम्बई के भीगे रूमानी माहौल में इसे एन्जॉय किया हैं!
देखकर मेरा मन बम्बई के भीगे तेज़ रास्तों से उसी रूमानियत में चर्चगेट होकर नरिमन पॉइन्ट पर गया और याद आया वह लुत्फ़ उठाना!
- मनोज कुलकर्णी
- मनोज कुलकर्णी
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