तुझे मैं चलना सिखलाऊँ
कल हाथ पकड़ना मेरा..
जब मैं बूढ़ा हो जाऊँ..!"
प्रेम धवन जी (जिनका परसों जनमदिन था) ने लिखे गीत के ये शब्द आज 'विश्व बुजुर्ग जागरूकता दिन' पर याद आएं।
और फ़िल्म 'एक फूल दो माली' (१९६९) में दिग्गज अभिनेता बलराज साहनी जी ने इसे बच्चे के साथ हॄदय साकार किया था।
आज भी यह देखता हूँ तो आँखें नम हो जातीं हैं!
- मनोज कुलकर्णी
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