"जिस घड़ी मेरी निगाहों को तेरी दीद हुई
वो घड़ी मेरे लिए ऐश की तमहीद हुई..
जब कभी मैंने तेरा चाँद सा चेहरा देखा
ईद हो या के ना हो, मेरे लिए ईद हुई!''
'दिल ही तो है' (१९६३) फ़िल्म के लिए साहिर साहब ने लिखी यह कव्वाली रोशन जी के संगीत में आशा भोसले ने गायी थी।..और नूतन ने परदे पर लाजवाब सादर की थी!
भारतीय सिनेमा की इस बेहतरीन अदाकारा को ८५ वे जनमदिन पर सुमनांजली!!
- मनोज कुलकर्णी
भारतीय सिनेमा की इस बेहतरीन अदाकारा को ८५ वे जनमदिन पर सुमनांजली!!
- मनोज कुलकर्णी
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