संवेदनशील फ़िल्मकार कांचन नायक!
शुरू में जानेमाने मराठी फ़िल्मकारों के वे सहाय्यक रहें। उसमें से डॉ.जब्बार पटेल ने पहली बार (लगभग तीस साल पहले) उनसे मेरी पहचान करायी।
कांचन नायक ने स्वतंत्र रूप से स्मिता तळवलकर की पहली निर्मित फिल्म 'कळत नकळत' (१९८९) का - निर्देशन किया..जो पारिवारिक रिश्तों पर संवेदशीलता से भाष्य कर गयी। इस फिल्म को राज्य तथा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुएं!
फिर बहोत कम मराठी फ़िल्में उन्होंने निर्देशित की। कुछ साल पहले एक फ़िल्म पार्टी में हुई मुलाक़ात में मैंने उनसे इसकी वजह पूछी। तब उन्होंने कहा 'अब भोजपुरी सिनेमा कर रहा हूँ!' हिंदी सिनेमा भी वे करना चाहते थे!
अब वे इस दुनिया में नहीं रहें इस पर यक़ीन नहीं होता!
सुमनांजलि!!
- मनोज कुलकर्णी
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