गुरु-देव-राज ख़ोसला!
अभिनेता-निर्देशक गुरु दत्त, अभिनेता-निर्माता देव आनंद, निर्देशक राज ख़ोसला और अभिनेत्री वहिदा रहमान की यह दुर्लभ तस्वीर! |
अपने भारतीय सिनेमा के एक प्रतिभावान फ़िल्मकार राज ख़ोसला जी..आज ९६ साल के होतें!
इस अवसर पर मुझे याद आया गुरु दत्त और देव आनंद के साथ उनका असोसिएशन!
अपने कैमेरा के साथ प्रतिभावान फ़िल्मकार राज ख़ोसला! |
वैसे गुरु दत्त और देव आनंद की दोस्ती पुणे के 'प्रभात - फ़िल्म कंपनी' से थी..जहां दोनों का कैरियर साथ में शुरू हुआ था। तब दोनों ने यह तय किया था की..अगर देव आनंद फ़िल्म निर्माता बनते है तो निर्देशन गुरु दत्त करेंगे और अगर गुरु दत्त निर्देशक बनते है तो हीरो देव आनंद ही होंगे! इसके मुताबिक़ १९५१ में जब देव आनंद ने फ़िल्म 'बाज़ी' का निर्माण किया तब निर्देशन गुरुदत्त को सौपा। इतना ही नहीं 'नोयर जॉनर' की इस फ़िल्म की कथा भी गुरुदत्त ने बलराज साहनी के साथ लिखी थी। जाहिर है इसके नायक तो देव ही थे और गीता बाली नायिका थी।
राज खोसला की हिट फ़िल्म 'मेरा गांव मेरा देश' (१९७१) में धर्मेंद्र, आशा पारेख और विनोद खन्ना! |
चार फ़िल्मों के लिए उनके सहाय्यक रह चुके थे। शकीला नायिका वाली इस फ़िल्म से गुरु दत्त ने अपनी पसंदीदा वहिदा रहमान को एक अहम क़िरदार में पहली बार हिंदी सिनेमा के परदे पर पेश किया!
'दो रास्तें' (१९६९) की शूटिंग के दौरान कलाकार राजेश खन्ना, मुमताज़ और निर्देशक राज ख़ोसला! |
हालांकि इससे पहले देव आनंद के कहने पर वे और गीता बाली की भूमिकावाली दूसरे निर्माता फतेचंद की फ़िल्म 'मिलाप' - (१९५५) स्वतंत्र रूप से राज - ख़ोसला निर्देशित कर चुके थे। लेकिन 'सी.आय.डी.' उससे पहले प्रदर्शित हुई और बहोत सफ़ल रही। इसके बाद देव - आनंद की 'नवकेतन फ़िल्म्स' की 'काला पानी' (१९५८) जैसी फ़िल्में निर्देशित करते 'निओ-नोयर' जॉनर में वे माहिर हुए।
फिर मनोजकुमार और साधना अभिनीत 'वो कौन थी'(१९६४), सुपरस्टार राजेश खन्ना की.. 'दो रास्तें' (१९६९), धर्मेंद्र-विनोद खन्ना की 'मेरा गांव मेरा देश' (१९७१) और..अगले सुपरस्टार अमिताभ बच्चन तथा शत्रुघ्न सिन्हा की 'दोस्ताना (१९८०) ऐसी हिट फ़िल्मे निर्देशित करके राज ख़ोसला जी बड़े फ़िल्मकार हुए।
आज उनके जनमदिन पर उन्हें यह आदरांजली!!
- मनोज कुलकर्णी
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