'एफटीआयआय'..हसीन दिनों की यादें!
लम्बा अर्सा हुए हमारे 'फ़िल्म अप्रिसिएशन कोर्स' के 'एफटीआयआय' कैम्पस में बीतें हसीन दिनों की यादें..फ़िर से ताज़ा की उसमें हमारे दोस्तों में से पुष्कर सिन्हा ने!
इसमें अपने विविध प्रदेशों से शामिल मीडियाकर्मी पार्टिसिपेंट्स के साथ बिच में है उसमें एक व्याख्याता रहे अरुण खोपकर!..इस ग्रुप में बायीं तरफ़ पहले पुष्कर और दूसरा मै! तथा दायीं ओर सतीश चित्रवंशी और चरणजीत आहूजा भी दिखाई दे रहें हैं!
इस तस्वीर को और रंगीन रोशनी देते हुए मैंने लिखा..
"फ़िरसे लाएँ हैं उजालें में..
वह हसीन धुंदली यादें..!"
- मनोज 'मानस रूमानी'
- मनोज कुलकर्णी
No comments:
Post a Comment