मज़रुह सुल्तानपुरीजी ने लिखा यह गीत रोषनजी के संगीत में महेंद्र कपूर और मन्ना डेजी ने गाया!
पचास साल पुरानी एल. वी. प्रसाद की फ़िल्म 'दादी माँ' (१९६६) में यह बिना राय के सामने काशीनाथ घाणेकर और दिलीप राज ने सादर किया!
'मातृदिन' पर यह याद आया था !!
- मनोज कुलकर्णी
- मनोज कुलकर्णी
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