आज़ादी और हमारा स्वातंत्र्य!!
फ़िरंगीयोंसे हमारे देश को आज़ादी मिल कर ७५ साल होनेवालें हैं!
लेकिन अन्याय-अत्याचार करनेवाले अपने लोगोंसे कब छुटकारा मिलेगा?
कई घरों में अब भी आवाज़ें दबीं जाती है..एक के हुक़ूमत से बाकी को ठीक से रहना भी मुश्क़िल होता है!
समाज में भी क्या बोलना, कैसे ज़िंदगी जिना इस पर कई पाबंदियां है.!!
ऐसे में व्यक्ति स्वातंत्र्य और लेखन, कलाएं तथा चित्रपट आदी में अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए!!!
- मनोज कुलकर्णी
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